Best Hindi Short Poem : हिंदी लघु कविता
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Gulzar se mulakaat best hindi short poem |
Hindi Short Poem : गुलज़ार से मुलाक़ात
बारिश से धुलती हुई
नम मिट्टी पर
कल रात उगने लगा था
एक पौधा
शक्ल कुछ कुछ
ख़याल से मिलती जुलती थी
उगते ही
आने लगे थे फूल,पत्ते
हर फूल में एक नज़्म थी
हर रंग की
और हज़ारों ख़ुशबुएँ
अब
ख़्वाब के दश्त में
फैलता पौधा
जवान हो चला था
ज़मीन से निकलकर
फ़लक को छूता
उन्वान हो चला था
सुबहा हो चली थी
बारिश कहाँ थमी थी अबतक
नेहा त्यागी
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Hindi Short Poem : आंसू की कमी
वो
उस आँख के
एक कोर से बिछड़ा
ताज़ा,गर्म
आँसू ही तो था
जिसे आख़िरी पल तक
बिठाए रखना चाहा था
पलक ने
ना जाने किस बात को
बहाकर ले गया था
अपने साथ..
ख़ैर
एक आँसू की कमी से
कोई मर थोड़ी ना जाता है..
नेहा त्यागी
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Hindi Short Poem : सुनो सूरज
हर सुबह
तुमसे माँगकर
धूप का एक टुकड़ा
जेब में रख लेती हूँ
जो आधी रात को
पूरी नींद के वक़्त
जेब से गिरकर
पाँव तक पहुँच जाता है
और ठंडी उँगलियों को
पास रखी किसी सिगड़ी का
एहसास कराकर
वापस जुड़ जाता है तुम में
पैरों पर,तुम्हारे नर्म स्पर्श से
आँख खुलती है
तो सबसे पहले तुम दिखते हो
सुनो सूरज!
मुझे आज फिर से
एक टुकड़ा धूप दे देना
मन पर जमी बर्फ़ पिघला लूँ
एक अंगीठी दिल में जला लूँ।
नेहा त्यागी