वो लड़कियाँ जो होती हैं बदनाम - Best Hindi poem on girls![]() |
Wo ladkiyan jo hoti hai badnam hindi poem |
वो लड़कियाँ
जो होती हैं बदनाम
अक्सर दुपट्टे में बाँधे चलती हैं
एक मुट्ठी आसमान
थोड़ी सी ज़मीन
तेज़ बहती हवा
और कुछ ऊँची उड़ान।
उनके कानों में अक्सर पड़ते हैं
कुछ ऐसे किस्से
जिनकी नायिका वे स्वयं होती हैं
किन्तु द्रष्टा नहीं होतीं।
वो सुनती हैं
हँसती हैं
फिर उस रात
उनकी आँखों से फिसलती है दो बूँदें
जिनका गवाह होता है
एक खाली कमरा
एक धीमी बजती धुन
और तकिए का एक गीला कोना।
अगली सुबह
वो फिर उठती हैं
तैयार होती हैं एक नए युद्ध को
पहनती हैं बालियाँ
लगाती हैं काजल
और बाहर निकल कर फिर खिलखिलाती हैं,
और फिर उस हँसी की आवाज़ में
दब जाते हैं वो किस्से।
पर ऐसे कई किस्से रोज़ बनते हैं
और ऐसी लड़कियाँ रोज़ खिलखिलाती हैं।