इश्क के बहाने यूपीएससी के कारनामे

Ishq e upsc (upsc story in hindi - upsc struggle story) 



इश्क के बहाने....UPSC के कारनामे  (friendship day story in hindi)

Upsc के चार आकर्षक अक्षर ने गुड्डू भैया के आँख पे दो अनाकर्षक लेंस लटका दिया है। द हिन्दू पढ़ रहे हैं। दाहिने हाथ के तर्जनी से चश्मा को थोड़ा नीचे ससारते हुए कहते हैं ''ए अतुल बाबू हम रात में ही आपको बोले थे न कि कल बारिश होगी...देखिये आज मौसम विभाग ने अखबार में सूचना भी दे दिया है''

कल रात की बाजी आप हार गये अतुल बाबू, अब आज का चाय आपको बनाना पड़ेगा।

सावन के मौसम में बारिश...एक किसान बाप के सूखे तन से लेकर मुखर्जीनगर में पढ़ रहे बेटे के अवसाद ग्रस्त मन तक को भींगा देता है। 

दूध का पैकेट लेते हुए अतुल बाबू किचन में प्रवेश करते हैं। ओह...आज फिर सारा बर्तन गंदा है। खिसियाये मन से बाहर निकलते हुए गुड्डू भैया से कहते हैं ''गुड्डू भैया...आज बर्तन धोने का पारी आपका है...पिछली बार भी आपके बदले हम ही धोये थे...रोज रोज क्या है?...जाइये कटोरा धोइये तब चाय बनेगा''

साला...कितना कष्ट है मुखर्जीनगर में... चार सेंटीमीटर व्यास वाले कप में चाय पीने के लिए चालीस सेंटीमीटर व्यास वाले कटोरा को धोना पड़ता है। ऊपर से अतुल बाबू का ताना जैसे तीन, चार बार मेंस कबाड़ के फेके हुए हों।

''कंट्रोल योरसेल्फ अतुल बाबू...कंट्रोल योरसेल्फ, जब अफसर बनकर इंस्पेक्शन में कभी कभार ए.सी कमरा से बाहर निकलिएगा न, तब ये गुस्सा ज्यादा शोभेगा आपके ऊपर...अभी शांत मन से मेंस की तैयारी कीजिए और चिल्ल मारिये''

ठीक है गुड्डू भैया...पर आप न हर बार इस तरह से मेंस का नाम मेरे सामने मत लिया कीजिये...एक तो अइसही upsc गूगल देवता से अनुवाद करवा के क्वेश्चन देता है, साला हिंदी समझने के लिए भी अंग्रेजी पढ़ना पड़ता है, ऊपर से आप नजर गुजर लगाते रहते हैं। आप सब के चलते ही माई सोमवारी, मंगलवारी सब करने लगी है। ई देखिये बाँह में जंतर बंधवा दी है।

अरे..अतुल बाबू आप तो सीरियस हो गए महाराज। जाइये चाय बनाइये।

इधर अतुल बाबू अपनी एंजल प्रिया को फोन लगाते हुए...गाना गा रहे हैं ''अभी जिंदा हूँ तो जी लेने दो...भरी बरसात में पी लेने दो''

चार बार फोन रिंग हो गया है, चार गाने बदल चुके हैं...पर एंजल प्रिया फोन नहीं उठा रही है। अब दूध के साथ अतुल बाबू का गुस्सा भी खौल रहा है।

हेल्लो...प्रिया
फोन काहे नहीं उठा रही थीं आप...देखिये तो बाहर कितना शानदार बारिश हो रहा है। मन कर रहा है आपके साथ बैठकर आपके ही हाथ का बना मीठा चाय पियें। 

अरे आप भी न अतुल बाबू...आपका वश चले तो आप हमारे साथ फोन पे ही upsc की तैयारी कर लें।

और नहीं तो क्या...इस आशिकाना मौसम में भी भला कोई इतना तड़पाता है? इतना बेरहम तो upsc वाले भी नहीं होते जितना कि आप।

''ठीक है...तो जाइये उनसे ही बात कीजिये न...हमसे काहे बतियाते हैं... हम रख रहें हैं फोन'' कहते हुए एंजेल प्रिया ने फोन काट दी।

इधर चाय कप में छना गया है। बाहर झमाझम बारिश हो रही है। ऐसे मौसम में किसी प्रिय का गुस्सा हो जाना कितना अप्रिय होता है, ये अतुल बाबू के चेहरे की नसें बता रही थी।

कप में चाय लेते हुए अतुल बाबू किचन से बाहर निकलते हैं...ये लीजिए गुड्डू भैया...चाय तैयार है। 

अरे महाराज दो कप ही बनाये हैं?

और नहीं तो क्या एक लोटा बनाते, देखे नहीं कैसे कॉफी कैफ़े वाला सुसाइड कर लिया। आपको भी करना है क्या।

धत्त सुसाइड करे upsc वाले क्वेश्चन सेटर...हम क्यों करे। हम तो लड़ कर अबर रिजल्ट देंगे। अच्छा अतुल बाबू सुनिये...ऊपर छत पर जाइये कोई आपका इंतजार कर रही है। 

हाँ वो सामने वाली मोटी लड़की। मुँह देखे हैं उसका? कोई सक्रिय ज्वालामुखी की तरह लगती है। 

नहीं अतुल बाबू ऊपर जाइये तो सही। कुछ स्पेशल है। अतुल बाबू ऊपर जाते हैं तो छत पर एंजल प्रिया रहती है। 

अरे...प्रिया आप! आप अचानक बिना बताये। गुस्सा में फोन भी काट दी थीं। 

हम सब सुन रहे थे आप क्या कह रहे थे...मैं मोटी हूँ। मेरा मुँह सक्रिय ज्वालामुखी के जैसा है। 

अतुल बाबू हंसते हुए कहते हैं... अरे वो आपको नहीं... किसी और को कह रहे थे। ये लीजिए चाय पीजिये और बिस्कुट खाइये। तेज हवा में उड़ती बारिश की फुहारे अतुल बाबू और प्रिया को एक दूसरे के प्रति और सक्रिय बना रही थी। 

आज पहली बार दोनों बारिश के फुहारों में भींगकर एक ही कप में चाय पी रहे थे। प्रिया बिस्कुट को चाय में डुबाकर अतुल बाबू को खिलाई और अतुल बाबू अपने हाथ से प्रिया को चाय पिलाये। सावन के हल्की फुहार वाली बारिश में दोनों का इश्क मुकम्मल हुआ। ऐसे मौसम में किसी प्रिय का नाराज हो जाना भी जीवन में कभी कभार खूबसूरत पल लेकर आता है।

(आप सभी को मित्रता दिवस की शुभकामनाएं, आपके जीवन में ऐसी बरसात होती रहे💐💐)

जय हो।
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