गर्दन में टाई, अंग्रेजी का यस सर और जिउतिया पर्व


जब आप शहर की भागमभाग से ऊब जाना तो अपने गांव के उस बरगद को याद करना जिसे तुम देखते हुए जवान हुए और वो तुम्हें देखते हुए बूढ़ा!उसकी लटों को पकड़ कर झूल जाना फिर जब जवानी बचपन की तरफ लौटती हुई प्रतीत होगी न तब दुनियां में ऐसा कोई पैरामीटर नहीं मिलेगा जो उस समय के सुकून को माप सके!

जिंदगी में आगे बढ़ने की जद्दोजहद से मुड़ के कुछ देर के लिए चले जाना अपने खेत की मेड़ों की तरफ,देंखना धान को लहलहाते हुए,जो अभी बारिश की कमी का दंश झेल रही थी!बगल में पानी चला रहे चाचा से पूछना,"का चच्चा,असों त हदे कर देहलन भगवान,तेल से सींचत-सींचत त तेल निकल गइल!" फिर इंद्र देव को अपने मुखारबिंद से सुशोभित करने के बाद चाचा का सरकार के इंजन में तेल भरने का बेहतरीन अंदाज देखना तब एहसास होगा कि जिस नून रोटी के जुगाड़ में दस रुपिया कमाते हो तुम शहर जाके उसको उपजाने में केतना हर्रे फिटकरी लगता है!

रोजमर्रा की जिंदगी में तनिकी फजीहत आई नहीं कि हवा खराब होने लगता है न तो देंखना उस बुढ़ऊ को जिन्हें कपार पर बोरिया में जिंदगी लिए हुए बाढ़ से बचने की खातिर अपने पुरखों के उस घर से बाहर निकलना पड़ रहा है जिसमें उनकी आखिरी सांस लेने की ख्वाहिश दम तोड़ चुकी होती हैं,उनके बोझ को अपने कपार पर रखना और दो कदम उनके साथ चलना,बदले में जो तुम्हें मिलेगा वो तुम देश के किसी सर्वोच्च पद पर आसीन रहकर भी खरीद न पाओगे!

लबालब भरे हुए पोखरे में ढेला फेंककर तितली फनाते हुए मंगरुआ क लइका को देखने के बाद अगर तुम्हारे देह में भी झुरझुरी हो रही है तो देशी हो तुम!

खेत की मेड़ पर बैठ के खैनी मल रहे घुरहुआ से बिना जाति पूछे एक खिल्ली मांग के प्रेसर का जुगाड़ करते हो तो देशी हो तुम!

अपने धान की सोहनी छोड़कर फलनवा के धान में सोहनी कर रही बनिहारिन से मसख़री कर रहे हो तो देशी हो तुम!

गर्दन में टाई बान्ह कर अंग्रेजी में यस सर नो सर करने बाद भी घर जाकर लुंगी गमछा में होके जब भिखारी ठाकुर क विदेशिया सुन के रोंवा भरभरा जाता है तो देशी हो तुम!

अगर देश के जवान की चितकबरी वर्दी को देखकर करेजा चाकर होने लगे,कोई भी परिधान बाउजी की धोती को देखकर पनाह मांगने लगे,दुआर पर बाउजी के बाबा की तस्वीर में उनके कपार पर गुलाबी मुरेठा देख कर गुमान होने लगे,तब समझ लेना तुम सही जा रहे हो...एकदम सही रास्ते पर!

सुनो आखिरी बात....लाख रुपिया कमा लो..और फाइव स्टार का बर्गर पिज्जा चाउमीन इडली डोसा,दुनिया भर का व्यंजन चख लो....उ सुवाद कहीं नहीं मिलेगा तुमको जो माई क जिउतिया क दाल में मिलता है!

बहत्तर रंग के मसाले से नहीं आता है उ सुवाद, उस अनुष्ठान की वजह से आता है जिसे बड़े ही जतन से पूरा करती है माई अपने लाल की लम्बी उम्र के लिए!चटकार दाल क नाम सुनके पहले जीभ से लार चू जाता था और अब आंख से लोर टपक जाता है!



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