गाँव की कहानी और फेसबुकिया पढ़ाई


15 डिग्री तापमान पर गुड्डू ने लिखा बबिता कुमारी को प्रेम पत्र। प्रेम पत्र पहुँचाने वाले मंटु को मिला बीड़ी पीने का न्योता। 

Village-story , abhishek-aryan-kahani , guddu-ka-love-letter, rural, villa
Village story by Abhishek Aryan

गाँव की कहानी और फेसबुकिया पढ़ाई


इधर पढ़ते पढ़ते कितना कुछ पढ़ लिया गया है। जी 20 शिखर सम्मेलन कहाँ हुआ से कहाँ होगा तक। जीडीपी, रेपो, रिवर्स रेपो, बैंक दर से लेकर तुर्की और मिस्र से हजारों टन प्याज के आयात तक। उत्तर वैदिक काल से लोहे की खोज से लेकर एंटी टैंक मिसाइल बनाने तक। मोहनजोदड़ो के अन्नागार, स्नानागार से लेकर गोलमेज सम्मेलन तक। वास्कोडिगामा के भारत आने से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक। 

बस कुछ नहीं पढ़ सका तो ये कि आटा गूँथते वक़्त माँ के हाथों द्वारा आटे पर कितने न्यूटन का बल लगाया जा रहा होगा। फुआ जब बर्तन माँज रही होगी तो उसकी चूड़ियों से कितने डेसिबल की ध्वनि निकल रही होगी। गाँव का गुडुआ जब अपनी बबिता को छत से झाँक रहा होगा तो दोनों के बीच का आपतन और परावर्तन कोण क्या रहा होगा। क्या रही होगी पहला प्रेम पत्र लिखते वक्त हृदय और पवन की गति।

दादा के पैर में सरसों तेल लगाते वक़्त एक पोते के हाथ का घर्षण तो कभी पढ़ा ही नहीं, कभी जाना ही नहीं कि मित्रों की टोली में किसका तरंगदैर्ध्य सबसे कम है किसका अधिक। किसके पास कितने इलेक्ट्रान, प्रोटोन और न्यूट्रॉन हैं, हम आपस में सहसंयोजक बंधन बना भी सकते हैं या नहीं? 

किसे पता था कि प्याज काटते हुए बड़ी बहन सल्फेनिक अमल की वजह आँखों में आँसू लिए एक दिन घर छोड़ते हुए बिना किसी अम्ल के अथाह रोयेगी। कभी पढ़ा ही नहीं कि आँसू के कितने भेद होते हैं। हमने वातावरण का मंडल पढ़ा लेकिन ये पढ़ा ही नहीं कि जीवन के कितने मंडल होते हैं। क्या जीवन संगीत को क्षोभ, समताप और आयनमंडल में बांटा जा सकता है? 

कितना बढ़िया हो न कि जीवन संगीत में एक आयनमंडल भी हो जो दूसरे की हृदय की बातों को रेडियो तरंग के माध्यम से हम तक आसानी से पहुँचा सके। हम यूट्यूब, फेसबुक, व्हाट्सएप्प के सारे दंगे कराने वाले संदेश को छोड़ हृदय का रेडियो चालू करें और आवाज आये

आज विविध भारती पर पूरब टोला का रजुआ और रकेसबा स्कूल में कर लिया फैटम फैटी। मरखहबा माटसाब दोनों को खजूर के डंडा से सोंट दिए।

15 डिग्री तापमान पर गुड्डू ने लिखा बबिता कुमारी को प्रेम पत्र। प्रेम पत्र पहुँचाने वाले मंटु को मिला बीड़ी पीने का न्योता। 

परभुनाथ बाबा के खेत में घुस गया मनोहरी चाची की बकरी। दोनों एकदूसरे से प्रेम करते थे इसीलिए बकरी अपने घर पहुँच गयी सुरक्षित। 

इधर रेडियो मिर्ची लगाते तो पता चलता आज सुनीता चाची उनसे नाराज हैं। चाची ने रजुआ के पापा से माँग ली कलकतिया साड़ी। देर शाम चाचा ने सरसों बेच चाची को गिफ्ट किये हरिहर कलकतिया साड़ी। 

पचासों लड़का को भाव न देते हुए स्वीटी को प्रेम के साथ देखा गया रजुआ के चाट गोलगप्पा के दुकान पर। मशहूर रजुआ ने एक्स्ट्रा खटाई के साथ खिलाया स्वीटी को गोलगप्पा।

दक्षिण टोला के हरेराम बाबा के यहाँ आज गाय बियाने की है संभावना। नानी घर और फुआ घर में सब कर रहे फेनुस का इंतजार।

तब तक विविध भारती पर कोई नया प्रोग्राम आता और पिंटू के मम्मी को पता चलता कि झोला लेकर पढ़ने गया पिंटू आज अंग्रेजी की घण्टी छोड़ स्कूल के पीछे गिन रहा है बकरी के बच्चे का मुँह का दाँत। 

और पिंटू के मम्मी पिंटू के देह को पिंटा बनाने के बजाय पिंटू के पापा से कह रही होती 'ए जी सुनते हैं हमार बेटवा अंग्रेजी भले कम पढ़े पर जीवन-गणित कमजोर नहीं होना चाहिए'

हमें ऐसे आयनमंडल की सख्त जरूरत है वरना बीजगणित के हजारों सवाल बनाते बनाते हम एक दिन जीवन-गणित में ही असफल हो जाएंगे और यूट्यूब, व्हाट्सएप्प के बगल में खूँटा हुआ होगा हमारा कब्रगाह। 

जय हो। 

Previous Post Next Post