Ang ang dehiya tuta ta - best hindi love story : Romantic hindi love story - बबिता की प्रेम कहानी : अधूरी चाहत प्रेम कहानी : Abhishek Aryan Story - अभिषेक आर्यन कहानी - forever indi best story : Funny love story
अंग अंग देहिया टूटा ता, मकई के लावा जैसे फूटा ता - प्रेम कहानी - Ang ang dehiya tuta ta - best hindi love story
गजब हाल है ये मरदे, मने ई ठंडी का रंग भी अलग अलग होता है। अब देखिये न, गुड्डू बाबू रोज सुबह सुबह पिछवारी खेत में भर लोटा जल ले कर जाते हैं और आधा लोटा में ही पेट सम्बंधित समस्या का हल करके चले आते हैं।
गजब हाल है ये मरदे, मने ई ठंडी का रंग भी अलग अलग होता है। अब देखिये न, गुड्डू बाबू रोज सुबह सुबह पिछवारी खेत में भर लोटा जल ले कर जाते हैं और आधा लोटा में ही पेट सम्बंधित समस्या का हल करके चले आते हैं।
इस चुनौतीपूर्ण समस्या को हल करने के दौरान अगर मैदान का नुकिलेदार घास-पात गुद्देदार पृष्ठभाग में सटता तो गुड्डू बाबू अपनी प्रिय बबिता को याद करते हुए उछल पड़ते..अंग अंग देहिया टूटा ता......मकई के लावा जैसे फूटा ता
गुड्डू बाबू तब तक फूटते रहते जब तक कि पड़ोस का जानवर उनको घेर कर NRC का कागज नहीं मांग लेता। जोरदार आक्रमण होता तो पता चलता कि पिछले डेढ़ घँटे से बबिता डार्लिंग को स्मरण करते हुए ही अपने प्यार को मैग्मा का रूप दे रहे थे।
इधर मैग्मा फूट कर लावा और लावा, अवसादी चट्टान का रूप लेता तब तक पता चलता है कि पूरब टोला की स्वीटी का आज जन्मदिन है। शरणार्थियों की भीड़ उमड़ जाती है। गाँव के दिलफेंक आशिकबाजों के भीतर प्रेमासक्ति गामा किरण की तरह प्रवेश कर जाता।
दोपहर होते ही ग्रीटिंग कार्ड के दुकान पर मजनुओं की भीड़ किसी आंदोलन का रूप ले लेती है। बबलुआ अपने प्रिय मित्र पिंटुआ के कंधा पर हाथ रख पूछ रहा है। अरे देख न भाय कौन अच्छा लगते हौ...अरे ई न भैया ई वाला देखहु....एकरा में दिल भी बनल हको....भौजी एकदम लहलहा उठथुन। शायरी भी लिखल हको नीचे देखहु....बोलते हुए दोनों मुस्कुरा पड़ते हैं।
इधर पंकज बाबू भी एक अच्छे प्रतियोगी की तरह महंगा वाला कार्ड खरीद रहे हैं। बहुते मगजमारी है ससुर कहीं हम पीछे न रह जाएं। इन्हें भले पता नहीं हो कि इनके घर का राशन कार्ड का रंग कौन सा है लेकिन इनको ग्रीटिंग कार्ड वही रंग का लेना है जो स्वीटी को सबसे ज्यादा स्वीट लगता है।
समाँ में अगर नूर न होई
तन्हा दिल मजबूर न होई
हम तोहके खुदे जन्मदिन मुबारक देवे आवत रही
जदि तोहर आशियाना हेतना दूर न होई
माहौल एकदम गजबजा गया है जैसे स्वीटी का जन्मदिन नहीं मजनुओं का राष्ट्रीय पर्व हो। शायरी, कविता में अपना नाम घुसाये पड़े हैं।
कहाँ दिल बना दें....कहाँ लभ यू स्वीटी जी लिख दें....कहाँ लिख दें कि स्वीटी जी आप एकदम लौंगलत्ता की तरह स्वीट हैं मन करता है कि आपको चाय में बोर के खा जाएं। वैसे भी प्यार का भूखा आदमी सिर्फ खाना ही मांग सकता है। मगर एक सीट के लिए इतने आवेदक। इसे तो जिलास्तरीय प्रतियोगिता घोषित कर देनी चाहिए।
तभी पता चलता है कि आशिकबाज बबलुआ को बबूल के दतमन से मुँह धुलाया जा रहा है। गर्म पानी से स्नान कराया जा रहा है। सोने की कटोरी में दूध रोटी खिलाया जा रहा है। पश्मीने की चादर से ओढ़ा कर गर्मजोशी से सुलाया जा रहा है। कोई स्वर्गपरी है जो उसके बाँह पे अपने सर को रख उसे कहानियाँ सुना रही है। अचानक कहानियों के बीच कमर पर लगी एक जोरदार चोट से उसकी क्लांति टूट जाती है और ऊंघते हुए देखते हैं कि वे बिछावन पर ही सोये हैं, हाँथ में राष्ट्रीय पर्व स्वीटी के जन्मदिन का कार्ड होता है और बाबूजी श्री श्री 108 खेसारी लाल मन्त्रों के साथ बबूल के डंडा से बबूलाभिषेक कर रहे होते हैं।
पिताजी:- ससुर हम धान बेच बेच के साँस लैत हिये और तू ग्रीटिंग कार्ड में पैसा डूबैते हीं
और बबलू के मुँह से सुमधुर मंत्र काफी देर तक निकलता रहा "अंग अंग देहिया टूटा ता...मकई के लावा जैसे फूटा ता"
जय हो।
अभिषेक आर्यन
चित्र: नीतीश नयन
चित्र: नीतीश नयन