प्यार और ब्रेकअप love and breakup hindi story
दिन ढलने को था, सभी के लिए ये सामान्य सी शाम थी पर प्रयागराज में अलग सी हलचल थी। गंगा का शीतल जल स्थिर हो किसी दृश्य का इंतज़ार कर रहा था। घासें लेटकर जमीनी सतह को गद्दे की तरह ढकी हुई थी। फूल झुककर जैसे किसी का अभिवादन कर रहे थे। हवाओं में खुशबू बिखरी हुई थी। हवा के प्रवाह से पता चल रहा था कि ये आजाद पार्क से आ रही थी।
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प्यार और ब्रेकअप love and breakup best story in hindi
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पार्क में हलचल रोज जैसी ही थी लेकिन आज कुछ स्थिरता नजर आ रही थी। और इस सब के बीच एक व्यक्ति का प्रवेश होता है। घुटनों के बल बैठ प्रेमिका को इज़हार कर रहा प्रेमी लुढ़क जाता है, माँ के साथ बैठ इस ठंड में भी आइस्क्रीम खा रहे बच्चे की पूरी आइस्क्रीम पिघल गई, कोने में कविता पढ़ रहे लड़के भी खड़े हो गये।
इन सब के आश्चर्य का कारण था कि जो व्यक्ति प्रतिदिन अकेला आता था और बहुतों को अकेला कर जाता था वो आज किसी के साथ आया था। अपने अनुभव और ठरकपन से आपको ये तो पता चल गया होगा कि किसी का आशय किसी लड़की से था। और आजाद पार्क की स्तब्धता बता रही थी वो शख़्स शुभम शुक्ला थे। वैसे इनका इतिहास भूगोल दर्शन प्रदर्शन इतना ही रहा है कि प्रेमी युगल देखकर इनके अंदर का परशुराम और परशुराम के अंदर का फरसा जाग जाता है।
ये अगर कबीर होते तो ज़रूर लिखते
"जहाँ मैं था वहाँ युगल नहीं, जहाँ युगल है वहाँ मैं नहीं"
हाँ तो हाज़रीन शुभम शुक्ला लड़की के साथ पार्क में प्रवेश कर चुके थे। हुआ ऐसा कि राज्य लोक सेवा आयोग का प्री देने के बाद शुक्ला जी ने टिंडर पर अकांउट खोल लिया था और वहीं पर मिली एक लड़की के साथ डेट पर आये थे।
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राष्ट्रवादी होने के कारण आजाद पार्क चुना गया। खैर ये दोनों जाकर सीट पर बैठ गए। सीट जो कुछ देर पहले ही विशेष इनके लिए ही खाली हुई थी। आज सुकून की साँस ले रहे युगल भी अपने में व्यस्त हो गये और ये दोनों बात करने लगे।
वैसे तुम करते क्या हो?
ब्रेक'अप कराता हूँ
मतलब?
अरे जो ट्रैफिक रूल ब्रेक करते हैं उन्हें रोकता हूँ। मतलब समाज सेवा करता हूँ।
आगे के लिए क्या सोचा है?
तलाक कराऊंगा
क्या!
रोड टूटी हुई है न तो इंटरलॉक कराऊंगा।
कितने महान हैं आप। पहले भी किसी के साथ रिलेशनशिप में थे?
हाँ एक थी, पर उसे कैरियर पर फोकस करना था। तो... और तुम
एक था, अभिषेक। पर उसने कुछ दिनों से बात करना ही छोड़ दिया,अंजान सा बन गया।
अभिषेक कौन अभिषेक सिंह वही इलाहाबाद विश्वविद्यालय वाला
हाँ पर तुम उसे कैसे जानते हो?
पीछे से एक बंदा जो इनकी बातें खामोशी से सुन रहा था आखिर बोल उठा, जानेगा कैसे नहीं तुम्हारा ब्रेक'अप इसी ने कराया है। उसको खूब भड़काया था।
लड़की ने शुक्ला जी को ऊपर से नीचे तक घूरा और तिलमिला कर चली गई।
पीछे गाना चल रहा था
हुआ है आज पहली बार कि ऐसे मुसकुराया हूँ।
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