'ek aurat ka stan', poem by sabita shah
एक औरत का स्तन....
सिर्फ उसे खूबसूरत नहीं बनाता?
उसे पूर्ण भी करता है!
जब एक बच्चें को जन्म देकर,
अपने स्तन से वो दूध पिलाती है?
तब वो औरत परिपूर्ण होती है!!
औरत के अस्तित्व को,
एक नई पहचान मिलती है।
एक औरत का स्तन...
सिर्फ आकर्षण का केंद्र नहीं है?
उसके औरत होने का प्रमाण भी है!!
कई रूप होते है स्तन के भी....
जब एक नवजात शिशु छूता है?
तो दूध की धार बहती है।
जब पति या प्रेमी छूता है?
तो प्यार का एहसास होता है।
और जब कोई दरिंदा छूता है?
तब खून का बहाव भी होता है!
हम औरतों का स्तन,
हमें खूबसूरत बनाता है!
देखने वाले कि नजर है,
उसे क्या नजर आता है!!
- सबिता शाह
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